मंगलवार, 29 जनवरी 2008

मुमकिन है,
मैं भूल जाऊँ तुम्हें,
एक दिन,
पर क्या कभी समझ सकूँगा:
"क्यूं प्यार किया था मैंने
तुम्हे...?"

यादें..!

जब मैं होता हूँ तन्हा
(जैसा कि मैं अक्सर होता हूँ)

जाने कहाँ-से निकल पड़ती हैं
यादें...

जाने वाले क्यूं नहीं ले जाते
साथ ही सब यादें...!