the dreamer
dreaming en route a better world...!
रविवार, 21 फ़रवरी 2010
...............!!!
आँखें तो बहाना ढूढती है
छलकने का,
कभी तुमसे दूर होने की पीड़ा
तो कभी
पास होने की ख़ुशी।
लेकिन बहुत से पल ऐसे भी होते हैं
जब तुम दूर होकर भी दूर नहीं होती
या फिर
पास होकर भी कहीं दूर...
ऐसे पलों में क्या करें
बेचारी आँखें...!
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