dreaming en route a better world...!
काश हम पढ़ सकते एक-दूसरे का मन
कागज़ पर लिखी इबारत की तरह,
शायद तुम मुझे गले से लगा लेना चाहते तब,
शायद मैं तुम्हे देखना भी न चाहता...
कितना अच्छा है न कि हमारा मन कागज़ नहीं है...!
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