रविवार, 7 दिसंबर 2008

आना-जाना तुम्हारा...!


तुम्हें आना था,

तुम आ गए...

तुम्हें जाना था,

तुम चले गए...

मैं न ये पूछ सका कि तुम आए क्यूं थे,

न तुम बता सके कि जाना क्यूं है...!

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