सोमवार, 16 फ़रवरी 2009

शब्दों का अर्थ कहाँ होता है...?

शब्दों का अर्थ
शब्दों में नहीं होता,
वरना
सभी समझते
सबके मन की बात...
ये अर्थ इशारों में भी नहीं होता,
वरना
कुछ भी रहता अनकहा
दो मन के बीच...
शब्दों का अर्थ
अक्सर खामोशी में भी नहीं होता,
वरना क्या मैं अनसुना रहता...
शब्दों का अर्थ तो
धारा-सा बहता है
मन से मन के बीच,
अगर जुड़ सकें उनके तार:
वही अनदेखे तार जिन्हें
भावना कहती है दुनिया,
जो अर्थ देती है शब्दों को
वरना
ख़ुद-से तो ये शब्द गूंगे हैं...!

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