शुक्रवार, 1 जून 2007

नदी का जन्म कैसे होता है...!

लो
फिर झुका प्यासी धरती पर
तेरे नेह का बादल...
और,
नम हो आया कोई शुष्क-सा कोना
मेरे अंतस का;

उमड़ी इन आंखों में फिर एक नदी...
पर,
प्यासी ही रह गयी ये धरती
एक बार फिर से...!!!

तुम पूछ रही थी:
'नदी कैसे बनती है...?'

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