the dreamer
dreaming en route a better world...!
मंगलवार, 19 जून 2007
सपने...(१)
हर कोई शामिल मेरे सपनों में:
भूखे की चाहत
एक अदद रोटी की,
गुड़िया-सी बिट्टी की
ख्वाहिशें छोटी-सी,
और सबसे छिपकर सिकुड़ी-सिमटी
तुम...!!!
चीर गयी दिल को
एक पीर खामोशी से
जब जाना,
किसी के भी सपनों में
मैं शामिल नहीं...!!!
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